Tuesday, February 2, 2010

अमर सिंह-- चर्चा में रहने कि आदत

27jan, 1957में अलीगढ के एक मध्य वर्गी परिवार में पैदा हुए अमर सिंह,राजनीति से जुड़े उन लोगों में हैं,जिन्हें शायद चर्चा में रहने की आदत है|शायद यही कारण है कि नेताजी किन्ही न किन्ही वजहों से चर्चा में बने रहते हैं|
अमर सिंह ने अपना राजनीतिक सफ़र कांग्रेस से शुरू किया,शुरू में वे कोलकाता के बड़ा बाज़ार जिले के कांग्रेस कमेटी के सदस्य बने और वहीँ से उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं से संपर्क साधना शुरू किया और वहीँ से उन्होंने धीरे-धीरे अपनी परिवारिक वित्तीय स्थिति को भी सुधरा|80 के दशक मे अमर सिंह ने क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के चुनाव में माधोराव सिंधिया का सपोर्ट किया और उन्हें जितवाया भी,इस क़र्ज़ को सिंधिया ने भी चुकाया और उन्हें राजीव गाँधी से मिलवाकर अखिल भारतीय कमेटी का सदस्य बनवा दिया|नेता जी 1996 तक एक बड़े के नेता के रूप में उभर कर सामने आ चुके थे|
अमर सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्मंत्री वीर बहादुर से भी संपर्क साधा और उन्ही के मुख्मंत्री के कार्यकाल में विपक्ष के नेता मुलायम से भी अपना रिश्ता जोड लिया|मुलायम सिंह ने मुख्मंत्री बनने के बाद अमर को सहारा दिया और उन्हें सहारा इंडिया परिवार और कई अन्य बड़े संस्थानों का डारेक्टर बना दिया|
राजनीत का इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि,अमर सिंह को किसी बात,किसी राजनेता या किसी भी प्रकार का कोई कम करने से कोई परहेज नहीं रहा है|शायद यही कारण है,कि बटला हाउस encounter में शहीद हुए पुलिस अधिकारी मोहनचंद शर्मा को उनकी जाबांजी के लिए 10 लाख रुपये देकर चर्चित हुए,लेकिन उसी अधिकारी की शहादत पर सवाल उठाते हुए CBI जांच की भी मांग कर डाली|ये वही अमर सिंह जी ही थे जिन्होंने CD कांड को लेकर जयापर्दा की आँखों से आंसू निकलवा दिए|जयापर्दा के नग्न फोटो जारी हुए और आजम खान को बदनामी उठानी पड़ी|उस वक़्त भी नेता जी ने खूब चर्चा बटोरी थी|ये अमर सिंह ही थे जिन्होंने पिछले साल एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए यह कहकर भूचाल खड़ा कर दिया था कि वो अपने स्वास्थ के हित के कारण राजनीत से अलग होने जा रहे हैं|
2004 में,मनमोहन सिंह जी के प्रधानमंत्री बनने पर,सोनिया गाँधी द्वारा आयोजित एक रात्रि भोज में अमर सिंह नेता अजीत सिंह को लेकर बिन बुलाए उस रात्रि भोज में पहुँच गए वहां सोनिया गाँधी ने उन्हें पूंछा तक नहीं तो,वापस आकर सोनिया गाँधी को खूब बुरा भला कहा|लेकिन 22 july 2008 को लोक सभा में सोनिया गाँधी का साथ उस वक़्त देते नज़र आये,जब nuclear deal के मुददे पर वाम दलों ने कांग्रेस से अपना सपोर्ट वापस ले लिया था|आरोप-प्रत्यारोप का तो अमर सिंह का जैसे गहरा रिश्ता है,उन्होंने उत्तर प्रदेश की मुख्मंत्री मायावती पर भी अपनी पार्टी के 6 सांसदों के अपहरण का आरोप लगाकर भी खूब सुर्खियाँ बटोरी और कमाल की बात बाद में उन्ही सांसदों को अपनी पार्टी से निकलवा दिया|अमर सिंह,ऐश्वर्या और अभिषेक की शादी को लेकर भी चर्चा में रहे|ऐश्वर्या पर कालसर्प योग बताया गया,तो अमर सिंह उन्हें सपरिवार विद्यांचल देवी के मंदिर ले गए और वहां उनकी पूजा करवाई|
आजकल अमर सिंह अपने त्यागपत्र को लेकर चर्चा में हैं,पर यह पहली दफा नहीं जब अमर सिंह ने त्यागपत्र दिया है,इससे पहले भी उन्होंने त्यागपत्र दिया है|लेकिन मुलायम के मानाने पर मान भी गए|अब इस बार देखना है कि वो वापस पार्टी में आएँगे की नहीं

2 comments:

  1. amar singh.... aisa naam ki naam aate hi hansi aa jaye..... ab lagta hai amar singh g koi nayee party banaenge!!
    Waise ek hero k sath do-do heroin hain ajkal......hhhhhhahah

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  2. बिलकुल सही कहा कुछ लोग होते ही ऐसे है की उन्हें चर्चा में रहने की आदत होती है इसलिए वे कुछ न कुछ ऐसा करते रहते है की जिससे वो सबके दिमाग में बने रहे ...मुझे लगता है अमर सिंह ने advertisement के सारे रूल बहुत अच्छी तरह पढ़ कर लिए है और समय समय पर लोगो को recall कराते रहते है.. की मै अभी मार्केट में available हूँ भूलना नहीं .. !!

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