इन दिनों क्रिकेट के गलियारों में IPL एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है,क्योंकि जिस तरह से सारी टीमो ने पाकिस्तानी प्लायेरों को दरकिनार किया है, उससे पुरे देश में हलचल मची हुई है|IPL के कर्ताधर्ता ललित मोदी ने किसी भी साजिश का खंडन करते हुए कहा की टीमो ने किसी सरकारी या अन्य दबाव में पाकिस्तानी खिलाडियों को ठुकराने का निर्णय नहीं लिया है,पर पाकिस्तानी खिलाडियों को न चुनने का आधार भले ही कोई साजिश या दबाव न रहा हो,पर एक बात तो साफ़ है कि इसका आधार क्रिकेट भी नहीं है|
आईडिया सरकारी या गैरसरकारी जो भी हो लेकिन यह भारतीय क्रिकेट की साख को धुंधला करने वाला है|अगर हम ये सोचते हैं,कि इस तरह करने से पाकिस्तान में हो रही आतंकवादी गतिविधियाँ दण्डित होगी,तो ऐसा बिलकुल नहीं है,क्योंकि कोई भी पाकिस्तानी प्लयेर आतंकवादी नहीं है,और न ही उसका आतंकवाद से कोई लेना देना है|मुंबई में कत्लेआम को अंजाम देने लश्कर जैसा आतंकवादी संगठन आया था|जिसका क्रिकेटरों को दण्डित करने से बाल भी बाका नहीं होता,जबकि कौमी अपमान की भावना जेहादी ज़हर से अछूते कुछ पाकिस्तानियों को भी आतंकी खेमे में धकेल सकती हैं|पाकिस्तान में बसा आतंकी समुदाय निर्दोष क्रिकटरों पर कूटनीतिक प्रहार करने से नहीं मरेगा|अगर हमे आतंकवाद को मिटाना है,तो हमे आतंकवादी तंत्र को पाकिस्तानी आवाम और अंतरास्ट्रीय समुदाय से अलग-थलग करना होगा और इस तरह से ही हम आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगा सकते हैं|
खेल को खेल ही रखिये इसे जंग मत समझिए,नही तो न जंग जीत पाएंगे और न ही अमन|
Saturday, February 13, 2010
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well. just keep on!
ReplyDeleteSwagat hai..
ReplyDeleteस्वागत है । लिखते रहे ।
ReplyDeleteकृप्या वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दे टिप्पणी करने में सुविधा होती है ।
गुलमोहर का फूल
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें